ehsaas
Monday, 29 August 2011
तन्हाई...
हिज्र की रात
यूँ भी कट ही जाती है ,
तन्हाई बेवजह का फलसफा
नहीं रह जाती है ,
वजह जो तू हो मेरी तन्हाई का
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तो बेचैनी में भी
मसरूफियत हो ही जाती है ........!!!
-रीना
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