तुम आये थे रात मेरे ख्वाबों में ,
तुम्हारी आँखों में कुछ ठहरा ठहरा सा था ............
मैंने देखा और जड़ हो गयी ,
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उस ख़ामोशी की इक बूँद
तुम्हारी आँखों से
मेरे दिल में उतर गयी ,
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तुम चुप थे.... पर तुम्हारी आवाज़
मेरे दिल को चीरती चली गयी ,
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हम दोनों इक दर्द की तरह कांपे
और रो दिए .........................
तुम्हे छूने ........ तुम्हे पाने
मै तेज कदमो से आगे बढ़ी ,
पर इक सर्द अहसास
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खुली आँखों से मैंने देखा
तुम नहीं थे
कहीं भी नहीं थे .........................
थककर सूनी आँखें फिर मूँद लीं
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शायद तुम फिर एक बार
ख्वाब बनकर ही आ सको !!!!!!!!
रीना
तुम्हारी आँखों में कुछ ठहरा ठहरा सा था ............
मैंने देखा और जड़ हो गयी ,
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उस ख़ामोशी की इक बूँद
तुम्हारी आँखों से
मेरे दिल में उतर गयी ,
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तुम चुप थे.... पर तुम्हारी आवाज़
मेरे दिल को चीरती चली गयी ,
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हम दोनों इक दर्द की तरह कांपे
और रो दिए .........................
तुम्हे छूने ........ तुम्हे पाने
मै तेज कदमो से आगे बढ़ी ,
पर इक सर्द अहसास
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खुली आँखों से मैंने देखा
तुम नहीं थे
कहीं भी नहीं थे .........................
थककर सूनी आँखें फिर मूँद लीं
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शायद तुम फिर एक बार
ख्वाब बनकर ही आ सको !!!!!!!!
रीना
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