Friday, 21 March 2014

घटना

तुम्हारी मौत एक घटना मात्र है ,

कुछ संवेदनाओं
कुछ अफ़सोस
कुछ ऐलान
कुछ प्रश्नों
कुछ आक्षेपों
कुछ सफाइयों के लिए
जो समाज और सरकार में जन्मेंगी
सीमित समय तक ,

परन्तु कुछ से बहुत ज्यादा
उस पीड़ा व असुरक्षा के जन्म की भी
जो तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारे परिवार की निजी होगी ,

उन्हें सैनिक बनना होगा
जूझने के लिए
जीवन की तल्खियां तमाम उम्र तक
लम्हा दर लम्हा ,

तुम्हें ढेर सी उदासियों और गर्व के साथ सलाम
तुम्हारे परिवार को हौसले की झूठी सीख का सन्देश भी ,

भीतर की लडाइयां बाहर से ज्यादा खतरनाक होती हैं
भीतर के दुश्मन भी
नीति और राजनीति भी !!

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