गैर जरूरी है तुम्हारा आना हर उदास लम्हे में
मायूसी बिखर जाती है
हर कोना कुछ और सिमट जाता है
दीवारें तक चुप लगा जाती हैं
हर कोशिश करती हूँ तब
मै कहीं दूर चली जाऊं
निकल पड़ती हूँ यादों के जंगल में
तुम्हारा हाथ थामे .... यूँ ही भटकने को
थकने को --- थकते रहने को ,
मायूसी बिखर जाती है
हर कोना कुछ और सिमट जाता है
दीवारें तक चुप लगा जाती हैं
हर कोशिश करती हूँ तब
मै कहीं दूर चली जाऊं
निकल पड़ती हूँ यादों के जंगल में
तुम्हारा हाथ थामे .... यूँ ही भटकने को
थकने को --- थकते रहने को ,
उदासियों का डर नहीं अब
मुस्कुराहटें मेरे पास है !!
मुस्कुराहटें मेरे पास है !!
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