Friday 30 December 2011

तेरा होना !

मेरी रूमानियत की
दहलीज़ से गुजरकर
मेरे अहसासों पर
इक सख्त कदम रखना;

थम जाना कहीं दूर .. बहुत दूर
मेरी पहुँच के
अंतहीन दायरे से भी बाहर;

तुझे देखने .. तुझे महसूस करने
कि तमाम कोशिशें
जिस एक वक्त
बिलकुल नाकाम सी
नज़र आएँगी मुझे;

शायद तब ही
तेरा होना ..तेरा वजूद
एक सुर्ख फूलों के
दरख़्त कि मानिंद
मेरे अन्दर
अपना जीवित
विस्तृत आकार लेगा
मेरे हम्न्फ्ज़ !!!


             अर्चना राज !!

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