प्रेम रक्त कण सा
तुम देह भर ,
चुनाव सहज नहीं
पर ह्रदय में धार है दर्द की
मैंने प्रेम चुना ,
तुम अब भी वांछनीय
महत्वपूर्ण
पर इतना नहीं कि मर जाऊं तुम्हारे बिना !!
तुम देह भर ,
चुनाव सहज नहीं
पर ह्रदय में धार है दर्द की
मैंने प्रेम चुना ,
तुम अब भी वांछनीय
महत्वपूर्ण
पर इतना नहीं कि मर जाऊं तुम्हारे बिना !!
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