ओस की परछाइयाँ नहीं होतीं और सूरज में नमी नहीं होती ;पर फिर भी दोनों के जीवन
का एक -दूसरे से कितना गहरा रिश्ता है ..... क्या हम सोचते हैं कभी इस बारे में ?????
दर्द जो मेरा खून सा रोये
दरिया सारा आंसू पिए
तब मानोगे प्यार है तुमसे !!!!
*********************
जो रो पाऊं थोडा
तो शायद दर्द का पत्थर पिघल जाए ;
तुम्हारी याद से
ये और भी भारी हुआ जाता है!!!!!!!
*************************
दर्द के आसमान से
आंसुओं की बारिश ;
दिल की अंजुली में भरकर
जो सारे पी पाऊं
तो शायद चैन आये!!!!!!!
*****************
तेरी आवाज़ सुन लूं तो
ये साँसें लौट आएँगी;
बिना तेरे ; मेरे हमदम
जिया जाता नहीं मुझसे !!!!!
**********************
सीने में इक चाह बहुत
शफ्फाक गुलाबी ;
तेरे होठों पर
अपने कुछ आंसूं रख दूं!!!!!
*******************
एक समंदर
दर्द का ....अंदर
पीना भी है
सीना भी है!!!!!
*************
मुस्कान जो उस रोज
तेरे होठों से फिसली थी;
आंसू बनाकर उसे मेरी आँखों ने
अब तक संभाल रक्खा है!!!!!
**********************
इक ख्वाब ही तो देखा था
जो अब मुमकिन नहीं लगता
यही अहसास दिल को
खून के आंसू रुलाता है!!!!!
*******************
जब भी याद आती है
मुझे तेरी ...मेरे हमदम
मै बस खामोश सिमटी सी
तेरी हर प्यास जीती हूँ!!!!!
********************
तेरी आवाज़ का अहसास
बिलकुल नर्म रेशम सा ;
काँटों सा क्यूँ चुभता है
मेरी तन्हाई में अक्सर !!!!
********************
तेरी उदासी से घुली शाम
जिसे मैंने आंसुओं संग पी लिया है ;
तू अब चाहे भी अगर मुझसे
तो उसे लौटा नहीं सकती!!!!!
*******************
चांदनी की वो शोख सी मुस्कराहट
जब दर्द से कुछ और भर देती है;
मै तनहा खड़ी छत के किसी कोने में
तेरी यादों से लिपटकर थोडा और रो लेती हूँ !!!!
********************************
रीना!!!!!!!
का एक -दूसरे से कितना गहरा रिश्ता है ..... क्या हम सोचते हैं कभी इस बारे में ?????
दर्द जो मेरा खून सा रोये
दरिया सारा आंसू पिए
तब मानोगे प्यार है तुमसे !!!!
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जो रो पाऊं थोडा
तो शायद दर्द का पत्थर पिघल जाए ;
तुम्हारी याद से
ये और भी भारी हुआ जाता है!!!!!!!
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दर्द के आसमान से
आंसुओं की बारिश ;
दिल की अंजुली में भरकर
जो सारे पी पाऊं
तो शायद चैन आये!!!!!!!
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तेरी आवाज़ सुन लूं तो
ये साँसें लौट आएँगी;
बिना तेरे ; मेरे हमदम
जिया जाता नहीं मुझसे !!!!!
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सीने में इक चाह बहुत
शफ्फाक गुलाबी ;
तेरे होठों पर
अपने कुछ आंसूं रख दूं!!!!!
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एक समंदर
दर्द का ....अंदर
पीना भी है
सीना भी है!!!!!
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मुस्कान जो उस रोज
तेरे होठों से फिसली थी;
आंसू बनाकर उसे मेरी आँखों ने
अब तक संभाल रक्खा है!!!!!
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इक ख्वाब ही तो देखा था
जो अब मुमकिन नहीं लगता
यही अहसास दिल को
खून के आंसू रुलाता है!!!!!
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जब भी याद आती है
मुझे तेरी ...मेरे हमदम
मै बस खामोश सिमटी सी
तेरी हर प्यास जीती हूँ!!!!!
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तेरी आवाज़ का अहसास
बिलकुल नर्म रेशम सा ;
काँटों सा क्यूँ चुभता है
मेरी तन्हाई में अक्सर !!!!
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तेरी उदासी से घुली शाम
जिसे मैंने आंसुओं संग पी लिया है ;
तू अब चाहे भी अगर मुझसे
तो उसे लौटा नहीं सकती!!!!!
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चांदनी की वो शोख सी मुस्कराहट
जब दर्द से कुछ और भर देती है;
मै तनहा खड़ी छत के किसी कोने में
तेरी यादों से लिपटकर थोडा और रो लेती हूँ !!!!
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रीना!!!!!!!
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