अपनी पलकों में
जज़्ब हो जाने दो
मेरे अश्कों को
मेरे दर्द की पेशानी से ;
शर्त बस ये है
कि तुम्हे भी गुजरना होगा
मेरे आह की ज़मीन से मेरे हमनफज !!
अर्चना राज !!
जज़्ब हो जाने दो
मेरे अश्कों को
मेरे दर्द की पेशानी से ;
शर्त बस ये है
कि तुम्हे भी गुजरना होगा
मेरे आह की ज़मीन से मेरे हमनफज !!
अर्चना राज !!
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