उदासियों से भरी एक शाम
तेरी सोच ने फिर से
दस्तक दी मेरे ख्यालों में ,
तुझे खुद में समेटूं
या तुझमे ही खोई रहूँ
सोचते हुए ही पूरी शाम
ख़ामोशी से गुजर गयी !!
अर्चना "राज "
तेरी सोच ने फिर से
दस्तक दी मेरे ख्यालों में ,
तुझे खुद में समेटूं
या तुझमे ही खोई रहूँ
सोचते हुए ही पूरी शाम
ख़ामोशी से गुजर गयी !!
अर्चना "राज "
very nice..........
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