पारे से इतर भी एक पैमाना है
ताप जांचने का
निर्धारित करने का उसकी तीव्रता बिना अंकों के,
ताप जांचने का
निर्धारित करने का उसकी तीव्रता बिना अंकों के,
कमाल तो ये कि वो जांच के साथ ही इलाज़ भी है
कि वो तकलीफ के साथ सुकून भी है
सरगश्तगी की तमाम उलझनों के बाद भी ,
कि वो तकलीफ के साथ सुकून भी है
सरगश्तगी की तमाम उलझनों के बाद भी ,
पर्याप्त होता है एक स्पर्श भर ही मौजूदगी का किसी के
कि जिससे घुल जाती है घुटन की ठंडी सफेदी
कि जिससे धुल जाते हैं आँखों के ढेरों जाले
कि जिससे पिघल जाते हैं दर्द के दावानल कई,
कि जिससे घुल जाती है घुटन की ठंडी सफेदी
कि जिससे धुल जाते हैं आँखों के ढेरों जाले
कि जिससे पिघल जाते हैं दर्द के दावानल कई,
ताप कच्चे मोम सा हो जाता है फिर
जिससे रच लेते हैं हम ढेरों राहत से भरे भाव -अक्स
कल्पनाओं के क्षितिज पर मुस्कुराते ठहराव- अक्स
और कुछ थोड़े से रगों में सरगोशी के लिए बेचैन -अक्स ,
जिससे रच लेते हैं हम ढेरों राहत से भरे भाव -अक्स
कल्पनाओं के क्षितिज पर मुस्कुराते ठहराव- अक्स
और कुछ थोड़े से रगों में सरगोशी के लिए बेचैन -अक्स ,
समाधान अक्सर आविष्कारों में नहीं प्राकृतिक सहजताओं में छुपे होते हैं !!
No comments:
Post a Comment