कई दफे इंतजार खुद घायल दिखा है,
कि टिकी नजर जहां पर थी
वहां आहट किसी की है
कि जिसे चाहता था वो
उसे चाहत किसी की है,
वहां आहट किसी की है
कि जिसे चाहता था वो
उसे चाहत किसी की है,
कभी कभी इश्क यूँ भी
मेरे हमनफज।।
मेरे हमनफज।।
इश्क के भी साइड इफेक्ट्स होते हैं
कभी मीठे कभी तीखे
तो कभी चरपरे,
कभी मीठे कभी तीखे
तो कभी चरपरे,
इश्क कभी बेस्वाद नहीं होता
मेरे हमनफज।।
मेरे हमनफज।।
बहुत हैरान मत हो
वही हूँ मैं,
वही हूँ मैं,
लथपथ खून में सिमटी
इंतिहा दर्द में लिपटी
सिंकी सदियों हूँ आंसू में
बिकी सदियों हूँ पैसों में
मैं अपनो की शिकायत हूँ
मैं नफरत की रवायत हूँ,
इंतिहा दर्द में लिपटी
सिंकी सदियों हूँ आंसू में
बिकी सदियों हूँ पैसों में
मैं अपनो की शिकायत हूँ
मैं नफरत की रवायत हूँ,
मैं हूँ इंसानियत
लेकिन नही उनकी
कि जिनके हाथ में तलवार है
फकत उनकी
कि जिनकी गरदनों पर वार है,
लेकिन नही उनकी
कि जिनके हाथ में तलवार है
फकत उनकी
कि जिनकी गरदनों पर वार है,
सुना तुमने कुलीनों।।
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