Sunday, 29 January 2012

लाल दर्द

पिघलती चट्टानों का लाल दर्द
फ़ैल जाता है जब
सारी कायनात में
भूरे कोटरों के गर्भ से ,

समेट नहीं पाते है
तब उन्हें हम
तमाम उम्र तक और
कई जिंदगियों की कीमत पर भी !!!


अर्चना राज !!






2 comments:

  1. bahut khamosh hai ye dard !!
    kuch kya har jindagi aati hai iski chapet ne to later or sooner ....
    bahut sundar ...sare bhav in chnd sabon me samet diye hai !!

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