जब हम बीमार हों
हमारे आस पास की हवा हो अलसाई
जब उबी हुई सी महक आये
जीभ लगे कसैली
उकताहट भरे हों दिन और धूप
और रात खूब लंबी ,
हमारे आस पास की हवा हो अलसाई
जब उबी हुई सी महक आये
जीभ लगे कसैली
उकताहट भरे हों दिन और धूप
और रात खूब लंबी ,
क्या करें फिर
सिवाय इसके
कि सिर तक तानकर चादर
सोते रहें
कुढते रहें.।
सिवाय इसके
कि सिर तक तानकर चादर
सोते रहें
कुढते रहें.।
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