अपना पूरा जीवन लगा
बहुत करीने से गढती है मां
बच्चों को
उनकी मुस्कान,उनकी हंसी, उनका सुख,
बहुत करीने से गढती है मां
बच्चों को
उनकी मुस्कान,उनकी हंसी, उनका सुख,
मां कोई भी काम अधूरा नहीं करती
इसलिये जाते जाते भी
खूब करीने से गढ जाती है
बच्चों के भीतर
वृहद स्थायी दुख।
इसलिये जाते जाते भी
खूब करीने से गढ जाती है
बच्चों के भीतर
वृहद स्थायी दुख।
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