Wednesday 12 October 2011

तुम


मेरे जीने में; मरने में
बस इक हसरत तुम्हारी है ,
मेरी साँसें चले बेशक
पर हर धड़कन तुम्हारी है .......

तुम्हे जब सोचती हूँ मै
करार आता है इस दिल को ,
मेरी बेचैनियाँ ... फिर क्यों
तुम्हे आवाज़ देती हैं ....

जो तुम सुन लो कभी इनको
तो बस कुछ यूँ भी कर देना,
छू लेना निगाहों से
हरारत मुझमे भर देना......

कभी तो पास आकर देख
मेरी आँखों का अफसाना ,
जो ढल जाएगा हौले से
तेरी आँखों में चाहत सा........

तेरे अहसास के मोती
मेरे दामन में भर देना ,
तेरे चाहत की इक चादर
मेरे ज़ख्मों पे रख देना.....

कर देना बस इतना तुम
पर मेरे साथ न आना,
ख़ुशी से मर न जाऊं मै
तू मेरे पास न आना......!!!!!!!!


                 रीना!!!!!!!!!!!!



























2 comments:

  1. कभी तो पास आकर देख
    मेरी आँखों का अफसाना ,
    जो ढल जाएगा हौले से
    तेरी आँखों में चाहत सा........ wahhhhhhhhhhhhhhh bahut sunder ........

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