जीवन,
एक लंबी दूरी ,जख्मी तलवों और एक टूटे दरवाजे से छन छन कर आती उम्मीदों के बीच की जद्दोजहद
रौशनी की बेहद पतली लकीरों के बीच धूलकणों की छटपटाहट
फिसलन का धीरे धीरे सूख कर सख्त होते रहने की कवायद,
रौशनी की बेहद पतली लकीरों के बीच धूलकणों की छटपटाहट
फिसलन का धीरे धीरे सूख कर सख्त होते रहने की कवायद,
जीवन,
हर हाल में जीने की जिद्द लिए उसे तकना
हौसलों के हर बार टूटने रपटने पर भी फिर खड़े होकर सीधा चलना
कभी बाज कभी गिलहरी कभी कछुआ होना,
हौसलों के हर बार टूटने रपटने पर भी फिर खड़े होकर सीधा चलना
कभी बाज कभी गिलहरी कभी कछुआ होना,
जीवन,
चटकी हुयी तस्वीर पर सुबह वाली नज्म लिखना
रेत पर हजारों लाखों करोडों बार स्वप्न उकेरना
आंधियों के बीच भी वो फडफडाती प्रेम वाली पाती पकडना ,
रेत पर हजारों लाखों करोडों बार स्वप्न उकेरना
आंधियों के बीच भी वो फडफडाती प्रेम वाली पाती पकडना ,
जीवन इन सबकी मिली जुली वो क़िस्सागोई है जो एक पीढी दूसरी पीढी के लिए सुनिश्चित करती है,
यद्यपि कि इन सबमें ऐसा कोई खास आकर्षण नहीं।
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