मेरी हथेलियों में सदियों से सुरक्षित है
एक हथेली का ताप
कुछ और भी तो न जाने क्या ,
एक हथेली का ताप
कुछ और भी तो न जाने क्या ,
ये न जाने क्या दर असल बहुत कुछ है
और इसी बहुत कुछ में है इंतेहाई अकेलापन
थोड़ी चुप और थोड़ा इंतजार ,
और इसी बहुत कुछ में है इंतेहाई अकेलापन
थोड़ी चुप और थोड़ा इंतजार ,
इन सबको धूप की रेशम संभाले रहती है
इन सबको शाम की सरहद थामें रखती है
एक और सरहद है कि जिसके पार जाना वर्जित है
पर सुना है वर्जना का फल बड़ा मीठा होता है ,
इन सबको शाम की सरहद थामें रखती है
एक और सरहद है कि जिसके पार जाना वर्जित है
पर सुना है वर्जना का फल बड़ा मीठा होता है ,
आज मैं भी चखना चाहती हूँ
हथेली के ताप से सृजित अनगिनत अनजान वर्जनाओं के उन फलों का स्वाद साथी।
हथेली के ताप से सृजित अनगिनत अनजान वर्जनाओं के उन फलों का स्वाद साथी।
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