Wednesday 22 January 2020

इश्क

इश्क के एक लम्हे की खातिर पूरी उम्र का सदका साथी !!
कि जो ठहरी है इन दो निगाहों में
वही छलके उन दो निगाहों से तो बात बने....
कहीं गहरे बड़े अजब किस्म की उथल पुथल है...
बारिश तुम कब आओगी........।

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