नमक के प्यालों में भरी मुस्कान
पूरा दिन चखते हैं
उम्मीद से भरते हैं
और रात है कि उन प्यालों को समंदर कर देती है
काम बढा देती है,
पूरा दिन चखते हैं
उम्मीद से भरते हैं
और रात है कि उन प्यालों को समंदर कर देती है
काम बढा देती है,
समंदर से नमक चुनना आसान तो नहीं
और बहुत मुश्किल है उसे चाक पर चढ़ा पाना भी
रोज रोज अकेले।
और बहुत मुश्किल है उसे चाक पर चढ़ा पाना भी
रोज रोज अकेले।
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