ehsaas
Wednesday, 22 January 2020
गर्मियों की सुबहें
गर्मियों की सुबहें धीरे धीरे पकती हैं
सख्त होती हैं
फिर चुपचाप जला देती हैं वक्त
और कोमलताओं को निगल जाती हैं,
गर्मियों की सुबहें
परिवर्तित कातिल हैं।
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